Do You Know ?
क्‍या आप जानते हैं?

Pension : (Applicable to the Government Servant Who Joined Service before 01.01.2004)

पेंशन : (01.01.2004 से पूर्व सेवा में कार्यभार ग्रहण करने वाले सरकारी सेवक को लागू)
  1. The maximum limit for commutation has been raised to 40% w.e.f. 01.01.1996. A Government servant is now entitled to commute for a lumpsum payment up to 40% of his/her pension.

    दिनांक 1.1.1996 से संराशीकरण की अधिकतम सीमा को 40% तक बढ़ाया गया है। सरकारी कर्मचारी अब अपनी पेंशन का 40% तक संराशीकृत कराके एकमुश्त भुगतान पाने का हकदार है।
  2. Provisional pension and provisional gratuity (up to 100%) should be sanctioned by the Head of Office if he were of the opinion that the Government servant is likely to retire before his pension or gratuity or both can be finally assessed and settled in accordance with the relevant rules.

    कार्यालय प्रमुख द्वारा अनंतिम पेंशन और अनंतिम उपदान (100% तक) संस्वीकृत किया जा सकेगा यदि सुसंगत नियमों के अनुसार पेंशन या उपदान या दोनों के अंतिम रूप से निर्धारण और निपटान से पूर्व सरकारी कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने की संभावना है।
  3. In the case of a missing Government servant/pensioner, family pension can be paid after a period of six months from the date of lodging an FIR with the police authorities.

    लापता सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी की दशा में, पुलिस प्र‍ाधिकारियों के पास प्राथमिकी दर्ज करने की तारीख से छह मास की अवधि के पश्‍चात् कुटुंब पेंशन का संदाय किया जा सकेगा।
  4. A judicially separated spouse of the deceased Government servant with children can get family pension after the children cease to be eligible till his/her death/remarriage, whichever is earlier.

    मृतक सरकारी कर्मचारी के बच्चों के साथ न्यायिक रूप से पृथक पति/पत्नी, बच्चों के अपात्र होने पर, मृत्यु/पुनर्विवाह होने तक, जो भी पहले हो, कुटुंब पेंशन प्राप्त कर सकता है।
  5. Dependent parents and widowed/divorced daughter/unmarried daughter are now included in the definition of family for the purpose of consideration for grant of family pension.

    आश्रित माता-पिता और विधवा/तलाकशुदा पुत्री/अविवाहित पुत्री को अब कुटुंब पेंशन प्रदान करने के लिए विचारार्थ कुटुंब की परिभाषा में सम्मिलित किया गया है।
  6. Family pension is also admissible to a posthumous child and also to children from the void or the voidable marriage as per the relevant provisions in the rules.

    नियमों में सुसंगत उपबंधो के अनुसार मरणोपरांत जन्‍मे बच्‍चे और अमान्‍य या अमान्‍यकरणीय विवाह से जन्‍मे बच्चों के लिए भी कुटुंब पेंशन अनुज्ञेय है।
  7. Normal family pension is now at a uniform rate of 30% of pay last drawn, subject to a minimum of Rs. 9000 (w.e.f. 1.1.2016).

    सामान्य कुटुंब पेंशन अब न्यूनतम 9000/-रु. की सीमा के अधीन रहते हुए, अंतिम आहरित वेतन के 30% की एक समान दर, (1.1.2016 से प्रभावी) पर देय है।
  8. The rights of children from the void or voidable marriage require to be protected so, pensionary benefits will be granted to children of a deceased government servant/pensioner from such type of marriages. The share of the children from illegally wedded wife in the family pension shall be payable to them in the manner given under sub-rule 7(c) of Rule 54 of CCS(Pension) Rules 1972 along with the legally wedded wife.

    अमान्‍य या अमान्‍यकरणीय विवाह से जन्‍मे बच्चों के अधिकारों को संरक्षित करने की आवश्यकता है, इसलिए मृत सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी के इस प्रकार के विवाह से जन्‍मे बच्चों को पेंशन हितलाभ प्रदान किया जा सकेगा। अमान्‍य रूप से विवाहित पत्नी से जन्‍मे बच्चों का कुटुंब पेंशन में हिस्सा उन्हें कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के साथ केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली, 1972 के नियम 54 के उप-नियम 7 (ग) के अधीन दी गई रीति से देय होगा।
  9. In the event of death of a family pensioner, the arrears of family pension is automatically payable to the eligible member of the family next in line. Succession certificate for payment of the arrears is required only in such cases where there is no family member eligible to receive family pension after the death of the family pensioner subject to the provision contained in DOP&PW's O.M. No. 1/22/2012-P&PW(E) dated 10.07.2013.

    कुटुंब पेंशनभोगी की मृत्यु होने की स्थिति में, कुटुंब पेंशन की बकाया राशि कुटुंब के अगले पात्र सदस्य को स्वत: देय है। पेंशन और पेंशनभोगी कल्‍याण विभाग के दिनांक 10.07.2013 के का.ज्ञा. सं.1/22/2012-पी&पीडब्‍ल्‍यू(ई) में निहित प्रावधान के अध्‍यधीन बकायों के भुगतान के लिए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की आवश्यकता केवल ऐसे मामलों में होगी, जहां कुटुंब पेंशनभोगी की मृत्यु के पश्‍चात् परिवार का कोई सदस्य कुटुंब पेंशन प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं है।
  10. With effect from 1.1.2006, in case of a Government Servant retiring in accordance with the provisions of CCS(Pension) Rules after completing qualifying service of not less than ten years, the amount of pension is calculated at fifty percent of emoluments or average emoluments whichever is more beneficial to him.

    1.1.2006 से, केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमों के उपबंधों के अनुसार न्‍यूनतम दस वर्ष की अर्हक सेवा पूरी करने के पश्‍चात् सरकारी सेवक के सेवानिवृत्त होने की दशा में, पेंशन की रकम परिलब्धियों या औसत परिलब्धियों के पचास प्रतिशत, की दर से परिकलित की जाएगी, जो भी उसके लिए अधिक लाभकारी हो।
Gratuity

उपदान
  1. The maximum limit of all types of gratuity has been raised to Rs. 20 lakhs w.e.f. 1.1.2016 .

    1.1.2016 से सभी प्रकार की उपदान की अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है।
  2. Dearness Allowance admissible on the date of retirement/death is included in the emoluments for the purpose of computing all types of gratuity.

    सभी प्रकार के उपदान की गणना के प्रयोजनार्थ परिलब्धियों में सेवानिवृत्ति/मृत्यु की तारीख को स्वीकार्य महंगाई भत्ता शामिल किया गया है।
  3. Interest (at the rate applicable to GPF deposits determined from time to time by the Government of India) is payable on delayed payment of DCRG, if it is delayed beyond three months from the date of retirement.

    डीसीआरजी के विलंबित संदाय पर ब्याज देय है (भारत सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित जीपीएफ निक्षेपों पर लागू दर पर), यदि यह सेवानिवृत्ति की तारीख से तीन महीने से अधिक विलंबित है।
Qualifying Service

अर्हक सेवा
  1. Qualifying service of 3 months and above may be rounded-off into a completed six-monthly period for the purpose of computation of both pension and DCRG. The period of nine months would thus be considered as two half years.

    पेंशन और डीसीआरजी दोनों की गणना के प्रयोजन के लिए 3 मास और उससे अधिक की अर्हक सेवा को पूर्ण षटमासिक अवधि में पूर्णांकित किया जाएगा। इस प्रकार नौ मास की अवधि को दो अर्द्ध-वर्ष माना जाएगा।
  2. Dismissal or removal of a Government servant from a service or post entails forfeiture of his/her past service.

    सरकारी कर्मचारी को किसी सेवा या पद से पदच्‍युत किए जाने या हटाए जाने पर उसकी विगत सेवा समपहृत हो जाएगी।
Miscellaneous

विविध
  1. PPO should be issued at least one month in advance of his date of superannuation and handed over to him/her on the date of his/her superannuation. The pensioner also has option to collect the PPO from pension paying bank branch.

    पीपीओ सरकारी सेवक की अधिवर्षिता की तारीख से न्‍यूनतम एक मास पूर्व जारी किया जाएगा और उसे उसकी अधिवर्षिता की तारीख को सौंप दिया जाएगा। पेंशनभोगी के पास पेंशन संदाय करने वाली बैंक शाखा से पीपीओ प्राप्‍त करने का भी विकल्प है।
  2. No specific orders are necessary for retirement on due date.

    नियत तिथि पर सेवानिवृत्ति के लिए किसी विशेष आदेश की आवश्यकता नहीं है।
  3. Fixed Medical Allowance has been increased from Rs.500 to Rs.1000 per month w.e.f. 01.07.2017.

    दिनांक 01.07.2017 से नियत चिकित्सा भत्ता 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमास कर दिया गया है।
  4. Encashment of leave is a benefit granted under CCS (Leave) Rules and thus not a pensionary benefit. As per the current provision, no interest is payable on the delayed payment of leave encashment.

    अवकाश का नकदीकरण केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) नियमों के अधीन प्रदत्‍त एक हितलाभ है न कि पेंशन संबंधी हितलाभ। वर्तमान उपबंध के अनुसार, अवकाश नकदीकरण के विलंबित संदाय पर कोई ब्याज देय नहीं है।
  5. Payments under Central Government Employees Group Insurance Scheme (CGEGIS) are not terminal benefit and can not be withheld. No Government dues can be recovered from the accumulation except the amount claimed by the financial institution as dues from the employee on account of loans taken for house building purpose.No interest is payable on account of the delayed payments under this scheme.

    केंद्र सरकार कर्मचारी समूह बीमा योजना (सीजीईजीआईएस) के अधीन किया गया संदाय अंतिम हितलाभ नहीं है और इसे रोका नहीं जा सकता है। आवास निर्माण के उद्देश्य से लिए गए ऋणों के कारण कर्मचारी से देय राशि के रूप में वित्तीय संस्थान द्वारा दावा की गई राशि को छोड़कर, संचय से कोई भी सरकारी बकायों की वसूली नहीं की जा सकेगी। इस योजना के अधीन विलंबित संदायों पर कोई ब्याज देय नहीं है।
  6. Dues to Municipality (water and electricity charges etc.) and Co-operative Societies are not treated as Government dues, since Municipal Committees and Co-operative Societies are not considered as Government bodies/organizations. No recovery of such dues can be made from the DCRG.

    नगरपालिका (पानी और बिजली शुल्क आदि) और सहकारी समितियों को देय राशि को सरकारी बकाया नहीं माना जाता है, क्योंकि नगरपालिका समितियों और सहकारी समितियों को सरकारी निकाय/संगठन नहीं माना जाता है। ऐसे बकायों की कोई वसूली डीसीआरजी से नहीं की जा सकेगी।
  7. Only arrears of license fee can be recovered from dearness relief.

    केवल लाइसेंस शुल्क के बकायों की वसूली महंगाई राहत से की जा सकेगी।
  8. Constant Attendant Allowance has been increased from Rs.4500 to Rs.6750 per month w.e.f. 01.07.2017 .

    दिनांक 01.07.2017 से सतत परिचर भत्ता 4500 रुपये से बढ़ाकर 6750 रुपये प्रतिमास कर दिया गया है।