The maximum limit for commutation has been raised to 40% w.e.f. 01.01.1996. A Government servant is now entitled to commute for a lumpsum payment up to 40% of his/her pension.
दिनांक 1.1.1996 से संराशीकरण की अधिकतम सीमा को 40% तक बढ़ाया गया है। सरकारी कर्मचारी अब अपनी पेंशन का 40% तक संराशीकृत कराके एकमुश्त भुगतान पाने का हकदार है।
Provisional pension and provisional gratuity (up to 100%) should be sanctioned by the Head of Office if he were of the opinion that the Government servant is likely to retire before his pension or gratuity or both can be finally assessed and settled in accordance with the relevant rules.
कार्यालय प्रमुख द्वारा अनंतिम पेंशन और अनंतिम उपदान (100% तक) संस्वीकृत किया जा सकेगा यदि सुसंगत नियमों के अनुसार पेंशन या उपदान या दोनों के अंतिम रूप से निर्धारण और निपटान से पूर्व सरकारी कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने की संभावना है।
In the case of a missing Government servant/pensioner, family pension can be paid after a period of six months from the date of lodging an FIR with the police authorities.
लापता सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी की दशा में, पुलिस प्राधिकारियों के पास प्राथमिकी दर्ज करने की तारीख से छह मास की अवधि के पश्चात् कुटुंब पेंशन का संदाय किया जा सकेगा।
A judicially separated spouse of the deceased Government servant with children can get family pension after the children cease to be eligible till his/her death/remarriage, whichever is earlier.
मृतक सरकारी कर्मचारी के बच्चों के साथ न्यायिक रूप से पृथक पति/पत्नी, बच्चों के अपात्र होने पर, मृत्यु/पुनर्विवाह होने तक, जो भी पहले हो, कुटुंब पेंशन प्राप्त कर सकता है।
Dependent parents and widowed/divorced daughter/unmarried daughter are now included in the definition of family for the purpose of consideration for grant of family pension.
आश्रित माता-पिता और विधवा/तलाकशुदा पुत्री/अविवाहित पुत्री को अब कुटुंब पेंशन प्रदान करने के लिए विचारार्थ कुटुंब की परिभाषा में सम्मिलित किया गया है।
Family pension is also admissible to a posthumous child and also to children from the void or the voidable marriage as per the relevant provisions in the rules.
नियमों में सुसंगत उपबंधो के अनुसार मरणोपरांत जन्मे बच्चे और अमान्य या अमान्यकरणीय विवाह से जन्मे बच्चों के लिए भी कुटुंब पेंशन अनुज्ञेय है।
Normal family pension is now at a uniform rate of 30% of pay last drawn, subject to a minimum of Rs. 9000 (w.e.f. 1.1.2016).
सामान्य कुटुंब पेंशन अब न्यूनतम 9000/-रु. की सीमा के अधीन रहते हुए, अंतिम आहरित वेतन के 30% की एक समान दर, (1.1.2016 से प्रभावी) पर देय है।
The rights of children from the void or voidable marriage require to be protected so, pensionary benefits will be granted to children of a deceased government servant/pensioner from such type of marriages. The share of the children from illegally wedded wife in the family pension shall be payable to them in the manner given under sub-rule 7(c) of Rule 54 of CCS(Pension) Rules 1972 along with the legally wedded wife.
अमान्य या अमान्यकरणीय विवाह से जन्मे बच्चों के अधिकारों को संरक्षित करने की आवश्यकता है, इसलिए मृत सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी के इस प्रकार के विवाह से जन्मे बच्चों को पेंशन हितलाभ प्रदान किया जा सकेगा। अमान्य रूप से विवाहित पत्नी से जन्मे बच्चों का कुटुंब पेंशन में हिस्सा उन्हें कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के साथ केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली, 1972 के नियम 54 के उप-नियम 7 (ग) के अधीन दी गई रीति से देय होगा।
In the event of death of a family pensioner, the arrears of family pension is automatically payable to the eligible member of the family next in line. Succession certificate for payment of the arrears is required only in such cases where there is no family member eligible to receive family pension after the death of the family pensioner subject to the provision contained in DOP&PW's
O.M. No. 1/22/2012-P&PW(E) dated 10.07.2013.
कुटुंब पेंशनभोगी की मृत्यु होने की स्थिति में, कुटुंब पेंशन की बकाया राशि कुटुंब के अगले पात्र सदस्य को स्वत: देय है। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के दिनांक 10.07.2013 के का.ज्ञा. सं.1/22/2012-पी&पीडब्ल्यू(ई) में निहित प्रावधान के अध्यधीन बकायों के भुगतान के लिए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की आवश्यकता केवल ऐसे मामलों में होगी, जहां कुटुंब पेंशनभोगी की मृत्यु के पश्चात् परिवार का कोई सदस्य कुटुंब पेंशन प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं है।
With effect from 1.1.2006, in case of a Government Servant retiring in accordance with the provisions of CCS(Pension) Rules after completing qualifying service of not less than ten years, the amount of pension is calculated at fifty percent of emoluments or average emoluments whichever is more beneficial to him.
1.1.2006 से, केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमों के उपबंधों के अनुसार न्यूनतम दस वर्ष की अर्हक सेवा पूरी करने के पश्चात् सरकारी सेवक के सेवानिवृत्त होने की दशा में, पेंशन की रकम परिलब्धियों या औसत परिलब्धियों के पचास प्रतिशत, की दर से परिकलित की जाएगी, जो भी उसके लिए अधिक लाभकारी हो।